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समवशरण

एक लोकोत्तर प्रस्तुति ...

इस तिर्थ निर्माण का आरंभ में श्रध्दा के संस्कार की पूर्ति हेतु तीर्थ पर परम आराध्य तिर्थंकर चंद्रप्रभु स्वामी का एक विशाल जिनालय समवशरण के रुप में निर्मित किया जायेगा |

जिनालय का प्रमुख आकर्षण होगा - २४ तिर्थंकरों की रत्न प्रतिमाऑं का विलक्षण संग्रह इसमें गणधर देव, शासन देवी देवताऑं तथा साकार जिनवाणी माँ सरस्वती की प्रतिमाऍं भी शास्त्रीय पध्दति से स्थापित होगी |
णमोकार तिर्थ में निर्मित रचनाऍं इतनी अदभुत एवं अतुलनीय होगी कि भक्त दर्शनकरता के मानस में धर्म के प्रति श्रध्दा एवं विश्वास शधिक दृढ होता जायेगा |