Accordion Menu Using jQuery

जिनवाणी उपासना केंद्र

जिनवाणी माँ कि सेवा इस तीर्थ का एक प्रमुख लक्ष्य होने से यहाँ पर प्राचीन ग्रंथोंका संग्रह कर एक विशाल ग्रंथागार बनाया जाएगा|

साथ ही दुर्लभ एवं अनुपलब्ध ग्रंथोंका प्रकाशन कर स्वाध्यायी पाठकों को अल्प मुल्य में सुगमता से ग्रंथों को उपलब्ध करने की योजना है |

साथही प्रकाशन केंद्र की ऑर से जैन विद्या, मंत्र, तंत्र, यंत्र, ज्योतिष, वास्तु एवं शिल्प पर संशोधन कार्य एवं प्रकाशन का कार्य भी किया जायेगा |